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Sofia Qureshi : सोफिया कुरैशी युवाओं के लिए बनी प्रेरणा, जानें इनके बारे में…

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Who is Sofia Qureshi : भारत की बेटी, कर्नल सोफिया कुरैशी, ने अपने साहसिक नेतृत्व और देशभक्ति से न केवल भारतीय सेना में इतिहास रचा, बल्कि लाखों युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गईं। वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी (MSU) से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाली सोफिया ने कॉलेज के दिनों में ही अपने जुनून और अनुशासन से सभी को प्रभावित किया था। आइए, उनके कॉलेज जीवन, प्रेरणादायक व्यक्तित्व और भारतीय सेना में उनके योगदान की कहानी को डीन, सहपाठियों और प्रोफेसरों की जुबानी जानते हैं।

  • सोफिया कुरैशी का प्रारंभिक जीवन

  • कॉलेज में सोफिया: एक होनहार छात्रा

  • सेना के प्रति जुनून की शुरुआत

  • वडोदरा यूनिवर्सिटी के डीन और सहपाठियों की राय

  • भारतीय सेना में सोफिया का साहसिक नेतृत्व

  • ऑपरेशन सिंदूर और नारी शक्ति का संदेश

  • देशभक्ति की प्रेरणा: सोफिया की उपलब्धियां

  • सोफिया कुरैशी से युवाओं के लिए प्रेरणा

Sofia Qureshi : सोफिया कुरैशी का प्रारंभिक जीवन

1981 में गुजरात के वडोदरा में जन्मीं सोफिया कुरैशी एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा भारतीय सेना में सेवा दे चुके थे, और उनके पिता ताजुद्दीन कुरैशी सेना में धार्मिक शिक्षक थे। सोफिया का बचपन सेना के अनुशासित माहौल में बीता, जिसने उनके व्यक्तित्व को मजबूत और लक्ष्य-केंद्रित बनाया।

  • जन्म और परिवार: वडोदरा, गुजरात में जन्म; सैन्य पृष्ठभूमि।

  • शिक्षा: महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक और स्नातकोत्तर।

  • प्रारंभिक सपने: प्रोफेसर बनने की इच्छा, लेकिन सेना के प्रति जुनून ने बदला रास्ता।

सोफिया के भाई, मोहम्मद संजय कुरैशी, बताते हैं कि उनकी बहन बचपन से ही न केवल पढ़ाई में अव्वल थीं, बल्कि खेल और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय थीं।

Sofia Qureshi : कॉलेज में सोफिया: एक होनहार छात्रा

महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में सोफिया ने बायोकेमिस्ट्री में अपनी पढ़ाई शुरू की। उनके प्रोफेसर और सहपाठी उन्हें एक ऐसी छात्रा के रूप में याद करते हैं, जो न केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट थी, बल्कि नेतृत्व और अनुशासन में भी बेजोड़ थी।

कॉलेज जीवन की खासियतें:
  • अकादमिक प्रदर्शन: बायोकेमिस्ट्री में स्नातक और स्नातकोत्तर में शीर्ष स्थान।

  • सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां: एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) और खेलों में सक्रिय भागीदारी।

  • नेतृत्व कौशल: कॉलेज के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कार्यक्रमों में आयोजन की जिम्मेदारी।

सोफिया की सहपाठी, नेहा शर्मा, बताती हैं, “सोफिया हमेशा समय की पाबंद थीं। क्लास में उनकी नोट्स की डिमांड सबसे ज्यादा रहती थी। वो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहती थीं।”

Sofia Qureshi :सेना के प्रति जुनून की शुरुआत

सोफिया ने शुरू में प्रोफेसर बनने का सपना देखा था और कॉलेज में असिस्टेंट लेक्चरर के रूप में पढ़ाना भी शुरू किया था। लेकिन उनके परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि और देशसेवा का जज्बा उन्हें भारतीय सेना की ओर खींच ले गया।

Sofia Qureshi :सेना में शामिल होने के कारण:
  • पारिवारिक प्रभाव: दादा और पिता की सेना में सेवा से प्रेरणा।

  • देशप्रेम: “देशप्रेम, सम्मान और यूनिफॉर्म पहनने का गर्व” – सोफिया के शब्द।

  • एनसीसी का योगदान: कॉलेज में एनसीसी ने उनके सैन्य कौशल को निखारा।

1999 में, मात्र 17 साल की उम्र में, सोफिया ने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लिया और भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत शामिल हुईं।

Sofia Qureshi :वडोदरा यूनिवर्सिटी के डीन और सहपाठियों की राय

वडोदरा यूनिवर्सिटी के डीन, प्रोफेसर आर.के. मेहता, सोफिया को याद करते हुए कहते हैं, “वह एक ऐसी छात्रा थीं, जिनमें जन्मजात नेतृत्व की क्षमता थी। उनकी अनुशासित जीवनशैली और लक्ष्य के प्रति समर्पण देखकर हमें यकीन था कि वह कुछ बड़ा करेंगी।”

Sofia Qureshi : सहपाठियों की यादें:
  • अनुशासन: “सोफिया की समयबद्धता और अनुशासन हमें प्रेरित करता था,” – सहपाठी रोहन पटेल।

  • प्रेरणादायक व्यक्तित्व: “वह हमेशा हमें बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करती थीं,” – सहपाठी प्रिया मेहता।

  • सैन्य जुनून: “एनसीसी परेड में उनकी कमांडिंग आवाज सुनकर हमें गर्व होता था,” – सहपाठी अजय सिंह।

इन यादों से साफ है कि सोफिया कॉलेज के दिनों में ही एक प्रेरणादायक शख्सियत थीं, जिन्होंने अपने सहपाठियों और शिक्षकों पर गहरी छाप छोड़ी।

Sofia Qureshi :भारतीय सेना में सोफिया का साहसिक नेतृत्व

सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना के सिग्नल कोर में अपनी सेवा शुरू की, जो सेना की संचार और तकनीकी जरूरतों को संभालता है। उन्होंने अपने करियर में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं।

प्रमुख उपलब्धियां:
  • 2006: कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा।

  • 2016: ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी। यह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास पुणे में हुआ, जिसमें 18 देश शामिल थे।

  • 2025: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस ब्रीफिंग में महत्वपूर्ण भूमिका, जहां उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को दुनिया के सामने रखा।

सोफिया की नेतृत्व क्षमता को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी सराहा। उन्होंने कहा, “सोफिया को उनकी योग्यता और नेतृत्व क्षमता के आधार पर चुना गया, न कि उनके लिंग के आधार पर।”

Sofia Qureshi : ऑपरेशन सिंदूर और नारी शक्ति का संदेश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना का एक साहसिक अभियान था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।

Sofia Qureshi : ऑपरेशन सिंदूर की खास बातें:
  • उद्देश्य: पहलगाम आतंकी हमले का जवाब।

  • रणनीति: भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई।

  • प्रभाव: 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर; आतंकी ठिकानों का विनाश।

सोफिया ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ ऑपरेशन की सफलता का ब्योरा दिया। उनकी मौजूदगी ने नारी शक्ति और भारत की हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दुनिया को दिया।

Sofia Qureshi : देशभक्ति की प्रेरणा: सोफिया की उपलब्धियां

सोफिया कुरैशी की कहानी केवल सैन्य उपलब्धियों तक सीमित नहीं है। वह देशभक्ति, समर्पण और नारी शक्ति की जीवंत मिसाल हैं। उनकी उपलब्धियां युवाओं को बड़े सपने देखने और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देती हैं।

Sofia Qureshi : सोफिया की प्रेरणादायक उपलब्धियां:
  • पहली महिला कमांडर: ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में 18 देशों में एकमात्र महिला कमांडर।

  • शांति मिशन: कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में योगदान।

  • ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना।

सोफिया की बेटी, ज़ारा, भी उनकी प्रेरणा से सेना में शामिल होने का सपना देखती है।

Sofia Qureshi : सोफिया कुरैशी से युवाओं के लिए प्रेरणा

सोफिया कुरैशी की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने सपनों को सच करना चाहता है। उनकी मेहनत, अनुशासन और देशप्रेम की भावना हमें सिखाती है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

Sofia Qureshi : युवाओं के लिए सीख:
  • अनुशासन: समयबद्धता और नियमितता सफलता की कुंजी है।

  • साहस: चुनौतियों का डटकर सामना करें।

  • देशप्रेम: अपने देश के लिए कुछ करने की भावना रखें।

  • नेतृत्व: दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता विकसित करें।

सोशल मीडिया पर सोफिया की तारीफों का सिलसिला जारी है। लोग उन्हें “नारी शक्ति” और “भारत की बेटी” कहकर सम्मान दे रहे हैं।

निष्कर्ष

कर्नल सोफिया कुरैशी की यात्रा वडोदरा के कॉलेज से भारतीय सेना के शीर्ष तक एक प्रेरणादायक कहानी है। कॉलेज में उनकी अनुशासित और नेतृत्वपूर्ण छवि, सेना में उनके साहसिक योगदान और ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका ने उन्हें देशभर में एक आदर्श बना दिया। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत, समर्पण और देशप्रेम के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

क्या आप भी सोफिया कुरैशी से प्रेरित हैं? अपने विचार हमारे साथ साझा करें!

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